नासा ने भारत की कुछ तस्वीरें शेयर की है जिनमें पिछले कई सालों और लॉक डाउन के बाद हवा के स्तर में आए बदलाव का अंदाजा लगाया जा सकता है।
भले ही महामारी कोरोना वायरस के कारण अर्थव्यवस्था पटरी से उतर गई हो लेकिन पर्यावरण पर इसका सकारात्मक असर पड़ रहा है। देश प्रदूषण रहित हो रहा है। नदियां साफ हो रही है। जालंधर से हिमालय के दर्शन हो रहे हैं। हरिद्वार में गंगा का पानी पीने लायक हो गया है। कुल मिलाकर कहें तो पूरे देश को लॉक डाउन ने खुली हवा में सांस लेने के लिए आजाद कर दिया है।इसकी बात की पुष्टि अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने भी कर दी है।
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बता दें, पिछले चार सालों की नासा की अर्थ ऑब्जरवेटरी ने तस्वीरें जारी की हैं, जिसमें ये बताया है लॉक डाउन के कारण कैसे प्रदूषण का स्तर पूरे देश में निचले स्तर पर आ गया है। देशव्यापी लॉकडाउन के कारण वाहनों के पहिये की गति थम सी गई है। ज्यादातर फैक्ट्रियां बंद हैं। बहुत जरूरी काम के लिए ही लोग घरों से बाहर निकल रहे हैं।
Satellite data show that levels of airborne particles over northern #India have dropped significantly since the #COVIDー19 lockdown began. https://t.co/xz6NgbQLOW pic.twitter.com/aP0fi5vL64
— NASA Earth (@NASAEarth) April 21, 2020
एक ओर जहां इस देशव्यापी लॉक डाउन के चलते कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने में मदद मिल रही है तो वहीं पर्यावरण की भी चौका देने वाली तस्वीरें सामने आ रही है। देश में एयरोसोल की मात्रा बिल्कुल कम हो गई है जिस पर नासा की अर्थ ऑब्जरवेटरी की टीम ने अध्ययन किया है।
ये तस्वीरें अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने MODIS (मॉडरेट रिजोल्यूशन इमेजिंग स्पेक्ट्रोरेडियोमीटर) टेरा सैटेलाइट से ली हैं। बता दें, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा जारी इस लॉकडाउन के चलते प्रदूषण का स्तर तेजी से नीचे आया है और भारत में प्रदूषण की समस्या जैसे ना के बराबर हो गई है। नासा ने कहा है कि भारत में प्रदूषण का स्तर काफी कम हो गया है। भारत में जारी लॉक डाउन के कारण लगभग 130 करोड़ लोग अपने घरों में हैं।
आपको बता दें कि गंगा के किनारे बसा हुआ देश का हिस्सा पूरी तरह से लगभग साफ हो गया है। गंगा किनारे बसे हुए शहरों के ऊपर से पिछले 20 साल से जो आसमान में जो धुंध छाई रहती थी वो अब छट गई है।
इस देशव्यापी लॉक डाउन के चलते बस, ट्रक, ट्रेन, फैक्ट्री, कार, विमानों की उड़ानें बंद है। वहीं इन सभी गतिविधियों के रुकने के बाद जो तस्वीरें नासा ने शेयर की है उसमें साल 2016 से लेकर अब तक का अंतर साफ-साफ देखा जा सकता है।
नासा के अनुसार, उत्तर भारत में हवा में प्रदूषण सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। नासा ने कहा है कि इस सैटेलाइट डेटा से ये पता चलता है कि देश में जारी लॉक डाउन के बाद भारत की हवा में मौजूद कणों का स्तर काफी नीचे गिर गया है।