हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार ने प्राइवेट स्कूलों को लेकर ऐलान करते हुए कहा है कि वह फीस ले सकते हैं लेकिन उन्हें एक शर्त का पालन करना होगा।
विश्व में जारी लॉक डाउन के बीच हरियाणा सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। बता दें, हरियाणा सरकार ने स्कूलों को लेकर ऐलान करते हुए कहा कि वह केवल प्रति माह ट्यूशन की फीस ले सकते हैं। सरकार ने स्पष्ट रूप से कहा कि प्राइवेट स्कूल ट्यूशन फीस के अलावा किसी भी तरह की फीस बच्चों के परिजनों से नहीं वसूल सकते।
स्कूलों के लिए निर्देश जारी किया गया है कि स्कूल प्रशासन एडमिशन फीस, कंप्यूटर फीस, बिल्डिंग एंड मेंटेनेंस फीस समेत किसी भी प्रकार की दूसरी फीस स्टूडेंट्स के परिजनों से नहीं मांग सकते।
नियमों का उल्लंघन करने पर होगी कार्रवाई
शुक्रवार को स्कूल शिक्षा विभाग के एक प्रवक्ता ने कहा कि जिन प्राइवेट स्कूलों द्वारा इन नियमों का उल्लंघन किया जाएगा उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने आगे कहा कि कोरोना वायरस के संकट के बीच जिला प्रारंभिक शिक्षा अधिकारियों और राज्य के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों द्वारा जारी निर्देशों का सख्ती से पालन करना चाहिए।
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प्रवक्ता ने कहा कि निर्देशों के मुताबिक, प्राइवेट स्कूलों को महीने की ट्यूशन फीस ना बढ़ाने और लोग डाउन के दौरान बच्चों से परिवहन फीस न लेने के निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि पाठ्य पुस्तकें, अभ्यास पुस्तिकाएं, कार्य पुस्तिकाएं, प्रैक्टिकल फाइलों, स्कूल यूनिफार्म की कीमत में बदलाव नहीं किया जाना चाहिए इसके साथ ही कोई भी प्राइवेट स्कूल मासिक फीस में किसी भी प्रकार की बढ़ोतरी ना करें।
इसके अलावा प्रवक्ता ने आगे कहा कि जिन छात्रों द्वारा फीस का भुगतान नहीं किया जाता तो प्राइवेट स्कूल किसी भी छात्र को स्कूल से बाहर नहीं निकालेंगे और ना ही ऑनलाइन शिक्षा लेने के लिए मना करेंगे।